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दिल्ली में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई: जानें कौन सी कॉलोनियां शामिल हैं और क्या वजहें हैं?

बड़ी खबर! दिल्ली की अवैध कॉलोनियों पर चलने वाला है बुलडोजर। जानिए किन-किन कॉलोनियों को चिन्हित किया गया है और सरकार क्यों कर रही है ये कार्रवाई।

दिल्ली सरकार और नगर निगम (MCD/DDA) ने अवैध कॉलोनियों—जिन्हें अक्सर “Awaidh Colonies” कहा जाता है—के खिलाफ एक बड़ी बुलडोजर कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है। यह कदम शहर के नियोजित विकास, पर्यावरण संरक्षण और कानून व्यवस्था बनाए रखने के मकसद से उठाया गया है।

 कौन‑सी कॉलोनियां हैं सूची में?

सरकारी और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन प्रमुख अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाया जाएगा:

  1. खजूरी खास (Khajuri Khas) – उत्तर-पूर्वी दिल्ली
  • मेहरौली (Mehrauli) – दक्षिण दिल्ली
  • बटला हाउस (Batla House) – जामिया नगर
  • **शाहीन बाग (Shaheen Bagh)**
  • **जैतपुर (Jaitpur)**
  • **बुराड़ी (Burari)**
  • श्रम विहार (Shram Vihar) – दक्षिण दिल्ली

इन इलाकों में अवैध निर्माण, सीवेज व प्रदूषण संबंधी गंभीर बीमारियाँ मानी जा रही हैं, खासकर यमुना नदी के निकट बनी कॉलोनियों में  ।

 कार्रवाई की मुख्य वजहें

1. नियोजित विकास: ये कॉलोनियां सरकार के मास्टर प्लान को बाधित कर रही हैं। 

2. पर्यावरण सुरक्षा: यमुना बाढ़क्षेत्र में अवैध निर्माण, पारिस्थितिकी तंत्र को खतरे में डाल रहा है। 

3. प्रदूषण नियंत्रण: बिना उपचारित सीवेज सीधे नदी में जा रहा है। 

4. कानून-व्यवस्था: कई अवैध कॉलोनियों में सुरक्षा व शांति संबंधी समस्याएं बढ़ी हुई हैं। 

 अब तक की कार्रवाई और पुनर्वास योजना

पहचान: दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने कुल ~1,731 अवैध कॉलोनियों की पहचान की है, लगभग 50 लाख लोग इन इलाकों में रहते हैं। 

कार्रवाई: पहले चरण में प्रमुख कॉलोनियों में बुलडोजर चलाये जाएंगे।

पुनर्वास: PM‑UDAY जैसी योजनाओं के तहत प्रभावित लोगों को वैकल्पिक आवास और वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया जारी है। 

 कोर्ट और कानूनी स्थिति

दिल्ली हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई को सतर्क रूप से देखा है। ज़रूरतें स्पष्ट की गई हैं—डिमार्केशन, नोटिस, वैकल्पिक व्यवस्था, आदि। उदाहरण के तौर पर, मंगोलपुरी मस्जिद के आसपास किए गए कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है  ।

 सामाजिक प्रभाव

  1. रिहाइशी परिवार: बड़े परिवार समयबद्ध दूसरी जगह शिफ्ट करने पर मजबूर हो सकते हैं।
  • आजीविका: व्यापार, स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।
  • मानसिक दबाव: विस्थापन लोगों को मानसिक तनाव दे सकता है। 

 इससे प्रभावित लोगों को क्या करना चाहिए?

1. नोटिस की जांच करें: कोर्ट या सरकारी एजेंसी से नोटिस प्राप्त होने की स्थिति में तुरंत वैधानिक सलाह लें।

2. विकल्‍प तलाशें: सरकार द्वारा प्रस्तावित पुनर्वास या PM‑UDAY स्कीम के तहत आवेदन करें।

3. कानूनी सलाह लें: अवैध कॉलोनियों के निवासियों को मुफ्त कानूनी सलाह और वकील समेत स्थानीय NGOs की भी मदद मिल सकती है।

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 निष्कर्ष

दिल्ली की कई अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर एक बड़ा कदम है—नियोजित विकास और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए। लेकिन इसे संवेदनशीलता के साथ लागू करना ज़रूरी है—अधिकारियों को उचित नोटिस, वैकल्पिक योजना व स्पष्ट कम्युनिकेशन बनाये रखना होगा ताकि प्रभावित लोग सुरक्षित स्थानांतरित हो सकें।

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